तहसीलदार रांगड़ ने दिया आदेश 12.5 बीघा सीलिंग की जमीन तुरंत भूमाफियाओं के कब्जे से मुक्त करायी जाए


नरेश कुमार चौबे, गल्जवाड़ी/देहरादून। प्राप्त जानकारी के अनुसार देहरादून जिले के गल्जवाड़ी ग्राम सभा के गद्दूवाला में 85 बीघा जमीन का मामला काफी गर्माया हुआ था। स्थानीय रहवासियों का आरोप था कि प्रताप चौधरी ने 85 बीघा जमीन की आड़ में 12.5 बीघा जमीन सीलिंग की और 5 बीघा जमीन ग्राम सभा की भी हथिया ली है। जिसकी शिकायत अनेकों बार की गई किंतु 21 नवंबर की जनसुनवाई में जिले की ईमानदार और निर्भिक जिलाधिकारी सोनिका सिंह ने तहसीलदार को आदेश दिया िकइस जमीन की आज ही पैमाईश कराकर मामले को सुलझाया जाए।
जिस पर तहसीलदार रांगड़, एम.डी.डी.ए से नज़ीर अहमद, पटवारी मि.जोशी आदि मौके पर पहुंचे। मौके पर ही शिकायतकर्ता, ग्राम प्रधान लीला शर्मा, गल्जवाड़ी ग्राम समाज समिति के सचिव नरेश कुमार चौबे और जमीन के कथित मालिक मि. प्रताप चौधरी भी मौके पर पहुंचे। जमीन की नक्शे के अनुसार जांच पड़ताल की गई। जिसमें तकरीबन 12.5 बीघा जमीन सीलिंग की होना पाया गया। जिस पर तहसीलदार के आदेशानुसार कब्जा खाली करवाया गया, और आदेश दिया गया कि 12.5 बीघा की तार-बाड़ कराकर प्रशासन उक्त भूमि को अपने कब्जे में ले। तथा बाकी भूमि की भी नये व पुराने नक्शे के अनुसार नपाई कर जांच कराई जाए।
नक्शे के अनुसार उक्त भूमि में दो नाले दर्शाये हुये थे किंतु मौके पर एक ही नाला दिखाई दे रहा था। एक बरसाती नाले को पूरी तरह गायब कर दिया गया। जिस पर तहसीलदार ने नाराजगी दर्शायी। साथ ही कहा गया कि बरसाती नाले को कैसे बंद किया जा सकता है। जो बंद किया गया है। उसे तुरंत खोला जाए।
ग्राम प्रधान लीला शर्मा का कहना था कि सीलिंग की जमीन की रजिस्ट्री प्रताप चौधरी के नाम पर है। अब प्रश्न यह उठता है कि सीलिंग की जमीन का सौदा कैसे हो गया। जबकि तहसीलदार का कहना था कि सीलिंग की जमीन सरकारी है, उसकी रजिस्ट्री नहीं की जा सकती, और अगर की गई है तो यह जांच का विषय है।
गौरतलब है कि गल्जवाड़ी ग्राम सभा में ग्राम समाज और राजस्व की जमीनों पर कब्जा कर बेचने के आरोप लगते रहे हैं। जिनमें ग्राम प्रधान लीला शर्मा भी शक के दायरे में आती हैं। क्योंकि वो हमेशा भूमाफियाओं के पाले में खड़ी नजर आती है, और ग्रामवासियों को हमेशा गर्राती रहती है।
अब मामला ईमानदार जिलाधिकारी के पाले में है कि वो गल्जवाड़ी ग्राम सभा से राजस्व की कब्जाई कितनी जमीन भूमाफियाओं के कब्जे से मुक्त करवा पाती है। अभी खसरा नं. 667/668 भी जांच के दायरे में है।
ग्रामवासियों में राहत की खबर है, तहसीलार रांगड़ के इस कदम की सराहना की जा रही है।

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