तिहाड़ भ्रष्टाचारियों के लिए वरदान है ?


वरिष्ठ संवाददाता, लम्बा सफर, दिल्ली। मैने पूर्व में भी अनेकों बार लिखा है कि ‘‘तिहाड़’’ अपराधियों, भ्रष्टाचारियों के लिए आरामगाह है, यहां अपराधी आराम करने के लिए आते है। तिहाड़ में बैठकर मांडवाली की जाती है। उगाही की जाती है। इसमें सहयोग देते है जेल के अधिकारी, वार्डर।
आखिर सत्येन्द्र जैन तो जेल मंत्री हैं, उनके लिए तो जेल अधिकारियों ने पलक पांवड़े बिछा दिये होंगे। गौरतलब है कि सत्येन्द्र जैन का इस्तीफा आज तक कट्टर ईमानदार अरविन्द केजरीवाल द्वारा नहीं लिया गया। यही वजह है कि अभी भी प्रोटोकाल के तहत जेलमंत्री तो सत्येन्द्र जैन ही है। टी.वी परर बैठकर जनता को बेवकूफ बनाने वाले विभिन्न पार्टी के नेता और ये एंकर ये क्यों नहीं बताते कि जेल में बंद एक व्यक्ति अभी भी मंत्री क्यों है ?
कट्टर ईमानदार केजरीवाल क्यों नहीं सत्येंद्र जैन को मंत्री पद से बर्खास्त करते ? क्या वजह है कि जरा जरा सी बात पर आधी रात में न्यायालय के दरवाजे खटखटाने वाले लोग सत्येन्द्र जैन के मामले में आंख, नाक, कान सभी कुछ बंद किये बैठे है।केजरीवाल के मंत्री जेल में मसाज करा रहे है, ये वीडियो बन जाती है, कैसे बनती है ? ये भी जांच का विषय है ? जेल में जेल सुपरिटेंडेंट के अलावा किसी और को मोबाईल ले जाने की अनुमति नहीं है। फिर वी.डी.ओ कैसे बनी ? क्या जेलें भी राजनीतिक चरागाह बन गई है।
2018 में तिहाड़ जेल के अंदर एक शराब पार्टी आयोजित हुई थी, जो कि एक कुख्यात बदमाश और उसके साथियों ने की थी। उसकी भी वी.डी.ओ क्लिप बनी थी। तमाम प्रख्यात समाचार पत्रों तक खबर सचित्र पहुंची थी। कार्रवाई हुई, तत्कालीन जेल अधीक्षक सस्पेंड हुए, कुछ वार्डर सस्पेंड हुए। किंतु मामला जस का तस।
तिहाड़ वास्तव में अपराधियों की नर्सरी है। यहां नये अपराधी तैयार किये जाते है। ऐसा कौन सा असामाजिक व्यापार नहीं है जो जेलों से नहीं चलाया जाता। गांजा, स्मैक, दारू सभी कुछ तो यहां मिलता है। मोबाईल तो आम बात है, अगर आप अधिक पैसा खर्च करने की हिम्मत रखते हैं तो सत्येन्द्र जैन की भांति मसाज भी करवा सकते है। क्या ये सब राजनीतिक नहीं लगता।
कट्टर ईमानदार केजरीवाल कहता है कि दिल्ली पुलिस उसके पास नहीं है, जबकि आपकी जानकारी के लिए बता दें कि तिहाड़ की सुरक्षा या किसी भी मामले में दिल्ली पुलिस का कहीं से कहीं तक हस्तक्षेप नहीं होता। तिहाड़ पूरी तरह दिल्ली सरकार के अधीन है।
तमिलनाडू स्पेशल पुलिस जेल के बाहरी सुरक्षा के लिए है, अन्दर की सुरक्षा दिल्ली सरकार की जिम्मेदारी है। अतः जेल मंत्री जेल में है तो उनके स्वास्थ्य की जिम्मेदारी भी जेल प्रशासन की है।

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