आउटसोर्सिंग कंपनियां नहीं कर रहीं हैं पर्यावरण सुरक्षा नियमों का नियमों का पालन!
सांस व गंभीर बिमारियों का लोग हो रहें हैं शिकार!
धनबाद/झारखंड (लम्बा सफर ब्यूरो): कोयलांचल में बीसीसीएल+आउटसोर्सिंग कंपनियों द्वारा कोयले के अंधाधुंध उत्खनन होने से प्रदूषण का स्तर बढ़ रहा हैं! इससे कोयलांचल में पर्यावरण को गंभीर खतरा उत्पन्न होने की आशंका हैं।
इस बढ़ते प्रदुषण के लिए बीसीसीएल और उसके अधीनस्थ कार्य कर रहीं आउटसोर्सिंग कंपनियां सबसे ज्यादा हैं जिम्मेदार!
देश में ऊर्जा की जरूरत को पूरी करने के लिए कोयला जरूरी है, पर कोयला उत्खनन के लिए पर्यावरण को सुरक्षित रखने वाले सभी मापदंडों का पालन भी उतना ही आवश्यक हैं, लेकिन उत्पादन लक्ष्य हासिल करने के लिए बीसीसीएल सहित अपनी कमाई बढ़ाने के लिए आउटसोर्सिंग कंपनियां नियमों व पर्यावरण को ताक पर रख कर उत्खनन कर रही हैं, जिससे पर्यावरण को खतरा हैं!
कोयलांचल में पर्यावरण प्रदूषित होने की वजह से यहां के लोग सांस व फेफड़ों जैसी कई गंभीर बीमारियों के शिकार हो रहें हैं शिकार!
पर्यावरण को सुरक्षित रखने में प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, डीजीएमएस, जिला प्रशासन और बीसीसीएल को भी गम्भीरता से इस विषय पर ध्यान देने की हैं जरूरत!
बीसीसीएल सहित आउटसोर्सिंग कंपनियां सारे नियमों को ताक पर रख कर कोयला उत्खनन का कार्य करने में लगी हुई हैं! कंपनियों को पर्यावरण के प्रदुषण या जनता को क्या परेशानी होगी, इसकी कोई फिकर नहीं हैं! पर्यावरण की रक्षा के लिए साल के 365 दिन नियमों का पालन और पेंड़ -पौधे लगाने चाहिए।
बीसीसीएल पर्यावरण से खिलवाड़ कर रही हैं! ओपन माइंस के नाम पर शहर गांव – कस्बों को प्रदूषित किया जा रहा रहा हैं! अगर समय रहते इस पर ध्यान नहीं दिया गया तो यहां के लोग गंभीर बिमारियों का शिकार होते रहेंगे!