सजा का एलान होते ही मुख्तार -अफजाल के चेहरे की उड़ने लगी हवाईया!
सजा के बाद अब अफजाल अंसारी की चली जाएगी सांसदी!
गाजीपुर/उत्तर प्रदेश (लम्बा सफर ब्यूरो): एक तरफ माफिया अतीक और भाई अशरफ की मौत के बाद, उसका साम्राज्य दरक रहा हैं तो वहीं दुसरी तरफ माफिया मुख्तार अंसारी और उनके बड़े भाई सांसद अफजाल अंसारी की जमीन भी सरक गई हैं!
गाजीपुर की एमपी एमएलए कोर्ट द्वारा गैंगस्टर एक्ट के मामले में माफिया मुख्तार अंसारी को दोषी करार देते हुए दस साल की सजा और पांच लाख का जुर्माना भी लगाया गया हैं, वहीं इस मामले में मुख्तार के बड़े भाई बसपा सांसद अफजाल अंसारी को भी कोर्ट ने दोषी करार देते हुए चार साल की सजा व एक लाख रुपए जुर्माना की सजा सुनाई है!
गाजीपुर की एमपी -एमएलए कोर्ट ने गैंगस्टर एक्ट मामले में माफिया मुख्तार अंसारी और उसके भाई बसपा सांसद अफजाल अंसारी दोनों को दोषी करार दिया है।
सजा का आदेश पारित होते ही अफजाल अंसारी के विरुद्ध लोकसभा सचिवालय से नोटिफिकेशन जारी होते ही उनके संसद की सदस्यता खत्म हो जाएगी!
कोर्ट की सजा का एलान सुनते ही मुख्तार अंसारी और अफजाल के चेहरे पर उड़ने लगी हवाइयां!
बांदा जेल में बंद मुख्तार की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये पेशी हुई थी, जबकि अफजाल कोर्ट में सशरीर उपस्थित हुए थे। सजा के बाद उन्हें गिरफ्तार करके जेल भेज दिया गया।
मुख्तार अंसारी पर गैंगस्टर एक्ट का यह मामला 16 वर्ष पुराना है। मुख्तार व अफजाल के गैंग के अपराधों में दिवंगत भाजपा विधायक कृष्णानंद राय की जघन्य हत्या का मामला भी शामिल है।
गाजीपुर के मोहम्मदाबाद और करंडा थाने में दर्ज मामलों को लेकर वर्ष 2007 में मुख्तार अंसारी व अफजाल अंसारी के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट की कार्रवाई की गई थी। गैंग द्वारा किए गए अपराधों में भाजपा विधायक कृष्णानंद राय की हत्या, वाराणसी के कोयला कारोबारी व विहिप नेता नंद किशोर रुंगटा के अपहरण व हत्या का मामला मामला शामिल है। एमपी -एमएलए कोर्ट ने इस मामले में 15 अप्रैल को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। आज 29 अप्रैल शनिवार को फैसला सुनाया जाना था। जिसके लिए अफजाल अंसारी सुबह ही एमपी -एमएलए कोर्ट पहुंच गया।
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हुई माफिया मुख्तार की पेशी!
बांदा जेल से मुख्तार की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये पेशी कराई गई, इसी दौरान कोर्ट ने अपना फैसला पढ़कर सुनाया। सबसे पहले माफिया मुख्तार अंसारी को सजा सुनाई गई। कोर्ट ने 19 पेज का जो फैसला सुनाया है, उसमें गैंगस्टर के मामले को गंभीर बताया। इसके बाद अफजाल अंसारी को सजा सुनाई गई। अफजाल की सजा का फैसला 115 पेज में लिखा गया हैं। इसे पढ़कर सुनाने में कोर्ट को समय लगा है। जैसे ही सजा का ऐलान हुआ, वैसे ही अफजाल अंसारी को न्यायिक हिरासत में ले लिया गया, फिर कोर्ट से ही उसे सीधे जेल भेज दिया गया।
मामलें की सुनवाई को लेकर थे सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम!
माफिया मुख्तार और उसके भाई अफजाल के खिलाफ फैसले को देखते हुए कोर्ट परिसर में सुरक्षा के भारी इंतजाम किए गए थे। कोर्ट परिसर और बाहरी क्षेत्र का इलाका पुलिस छावनी में तब्दील कर दिया गया। मुख्तार मऊ सदर से कई बार विधायक रह चुका है। अफजाल भी गाजीपुर से दो बार लोकसभा का चुनाव जीत चुका है। फैसला सुनाने के दौरान कोर्ट परिसर और उसके बाहर भी बड़ी संख्या में गहमागहमी का माहौल रहा!
वाराणसी के कारोबारी नंदकिशोर रूंगटा की अपहरण करके के बाद हुई थी हत्या!
जनवरी 1997 में कोयला व्यापारी और विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के कोषाध्यक्ष नंदकिशोर रूंगटा का उसके घर से अपहरण कर लिया गया था, उसके बाद उनकी हत्या कर दी गई। जानकारी के मुताबिक रूंगटा के परिजनों से पांच करोड़ रुपये के फिरौती की मांगी हुई थी। परिजनों ने ने 1.5 करोड़ रुपये दे भी दिए थे, पर इसके बाद भी रूंगटा की हत्या कर दी गई! इस मामले में माफिया मुख्तार अंसारी कों नामजद आरोपित किया गया था। मुख्तार के गैंगचार्ट में भी इस हत्याकांड का ब्योरा दर्ज है।
बताते चलें कि अब माफिया मुख्तार गैंग की कमर भी पुट चुकी हैं क्योंकि अगर अब इसके बाद भी उन्होंने जेल में रहते हुए अगर आपराधिक साजिश करने की कोशिश भी की तो वें खुद जानते हैं की इसका अंजाम क्या होगा? कहतें हैं कि अगर पाप का घड़ा फुट जाए तो उसे भगवान भी नहीं बचा सकता!