वरिष्ठ संवाददाता लम्बा सफर,देहरादून/हरिद्वार। 2024 जहां दस्तक देे रहा है। वहीं अभी से कुछ सीटों पर भावी लोकसभा के उम्मीदवारों ने अपनी गोटियां बिछानी शुरू कर दी हैं। आपको बताते चलें कि वर्तमान में इस सीट पर काबिज उत्तराखण्ड के पूर्व मुख्यमंत्री रमेश पोखरियाल ‘‘निशंक’’ हैं। कुछ समय देश के शिक्षामंत्री भी रहे। किन्हीं कारणों से मोदी मंत्रीमण्डल में अपनी सीट सुरक्षित नहीं रख पाये।
आपको बताते चलें कि पोखरियाल का भी विवादों से पुराना नाता है। इसीलिए उत्तराखण्ड सरकार में अपना मुख्यमंत्री का कार्यकाल पांच वर्ष पूरा नहीं कर पाये। त्रिवेन्द्र रावत के मुख्यमंत्री पद से हटने के बाद जोड़,घटा,गुणा, भाग सब कुछ किया, किंतु मुख्यमंत्री पद दोबारा नहीं मिल पाया। पार्टी में अपने घटते कद को लेकर काफी चिंतित हैं। अभी पिछले दिनों खानपुर विधानसभा व रूड़की में बाढ़ग्रस्त क्षेत्र का दौरा करने गये थे, किंतु आम जनता ने गरियाया भी और दौड़ाया भी। अपनी खीज पुलिस अधिकारियों पर उतारते दिखाई दिये थे। जबकि उनके साथ कुंवर प्रणव ‘चैम्पियन’ भी थे।
हरीश रावत जो कि सूबे के कांग्रेसी मुख्यमंत्री रह चुके हैं। वो बाढ़ग्रस्त क्षेत्र में खानपुर में पानी में ही अपने सहयोगियों के साथ धरने पर बैठ गये। उनके साथ एक और माइनस प्वाइंट है कि उन पर मुख्यमंत्री काल का स्टिंग भारी पड़ रहा है। जिसमें सी.बी.आई उनका वाइस सैंपल ले चुकी है। जनता कहती है जनाब आप भी तो मुख्यमंत्री रहे हैं तब आपने क्या किया ? कांग्रेस की हालत उत्तराखण्ड में किसी से छिपी नहीं है, वैसे तो आधी कांग्रेस पहले ही भाजपामयी हो चुकी है। बची हुई का क्या हश्र होगा, ये तो वक्त ही तय करेगा।
तीसरा चर्चित नाम उमेश शर्मा जो कि यू ट्यूब चैनल चलाते हैं। सत्ता के गलियारों में उत्तराखण्ड राज्य बनने के साथ ही अपनी पहचान बना ली थी। पत्रकारिता कम लाइजेंनिंग का काम अधिक करते थे। यही वजह है कि मुख्यमंत्री का स्टिंग का सूत्रधार बने। आज करोड़ों की अकूत संपत्ति के मालिक हैं। कल तक जिस भाजपा के राज में जेल यात्रा की थी, रासुका लगी थी, एक्सटोर्सन के मुकदमे लगे थे, आज खानपुर विधानसभा के निर्दलीय लोकप्रिय विधायक एवं भाजपा के करीबी माने जाते हैं। चर्चाओं में है कि इस बार लोकसभा में भी अपनी किस्मत आजमाना चाहते हैं।
चौथा चर्चित चेहरा जिसे कभी यू.पी के एक मिनिस्टर की नजदीकियां प्राप्त थीं। यू.पी. से उत्तराखण्ड बना, मंत्री जी की सत्ता की हनक छिनी, किंतु भावना पांडे उत्तराखण्ड की बेटी चर्चाओं में बनी रही। अपने बिगड़े बोलों के कारण, कभी उमेश कुमार को अपशब्द गंजा कहना तो कभी पूर्व भाजपा विधायक कुंवर प्रणव सिंह को अपशब्द कहना, जैसे इनका शगल बन गया हो। देहरादून हरिद्वार नेशनल हाईवे पर लाखों रूपया खर्च कर बड़े-बड़े होर्डिंग लगवा रखे हैं। जनाब लोकसभा चुनाव की पूरी तैयारी है। हमें लगता है कि इस बार 2024 का लोकसभा चुनाव उत्तराखण्ड की हरिद्वार सीट पर काफी रोमांचक होने जा रहा है।