हिमाचल में बाढ़ का कहर -मौसम विभाग द्वारा भारी बारिश का अलर्ट।

चंद्रताल में फंसे 300 लोगों के रेस्क्यू को पहुंची टीम- भूखे-प्यासे हजारों पर्यटकों की जाम में गुजरी रात!

कुलु/शिमला/हिमाचल प्रदेश (लम्बा सफर ब्यूरो): मानसूनी सीजन में पहाड़ी राज्यों में आमतौर पर बादल फटने की खबरें आती है। लेकिन सोमवार को हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और जम्मू-कश्मीर में बादल फटे। इसका अर्थ यह है कि कम समय में ज्यादा बारिश हुई। अब जबकि बादल फट जाते हैं को उसका असर फ्लैश फ्लड के तौर पर नजर आता है जिसकी वजह से नुकसान होता है।

हिमाचल प्रदेश में मूसलाधार बारिश के बाद दुश्वारियां कम नहीं हो पाई हैं। हजारों गांवों में बिजली-पानी के लिए हाहाकार है। कई क्षेत्रों में मोबाइल नेटवर्क भी नहीं है। वहीं, शिमला जिले में रामपुर के समीप नोगली में भूस्खलन से क्षतिग्रस्त हुए नेशनल हाईवे-5 पर अनियंत्रित होकर एक कार सतलुज नदी में जा गिरी। कार में सवार चार लोग नदी में लापता बताए जा रहे हैं। जानकारी के अनुसार मंगलवार शाम करीब 4:00 बजे भूस्खलन के चलते हाईवे का करीब 30 मीटर हिस्सा धंस गया था।

चंद्रताल में फंसे 300 लोगों को सुरक्षित निकालने के लिए अभियान तेज कर दिया गया है। मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने बुधवार को बर्फ से लकदक चंद्रताल झील का हवाई सर्वेक्षण किया। चंद्रताल में 300 लोग फंसे हुए हैं। आज शाम तक बचाव दल ने चंद्रताल पहुंचने का लक्ष्य रखा है ताकि लोगों को जल्द सुरक्षित निकाला जा सके।

भारी बारिश से किन्नौर जिले के सांगला बाजार में बुधवार दोपहर बड़ी मात्रा में मलबा आ गया। इससे व्यापक नुकसान की आशंका जताई जा रही है। बताया जा रहा है कि भारी बारिश से अचानक बाढ़ जैसे हालात हो गए और ऊपर की तरफ से बड़ी मात्रा मलबा सांगला बाजार में पहुंच गया। कई गाड़ियां भी मलबे में दब गईं। क्षेत्र में विद्युत आपूर्ति व संचार सेवाएं ठप होने से लोग एक-दूसरे से संपर्क नहीं कर पा रहे हैं।

भूस्खलन के चलते राज्य में 873 सड़कें बंद!

प्रदेश में जगह-जगह भूस्खलन से बुधवार सुबह 10:00 बजे तक 873 सड़कें बंद थीं। इनमें से शिमला में सबसे ज्यादा 350, मंडी 100, सिरमौर 109, सोलन 83, लाहौल-स्पीति 97, चंबा 78 और किन्नौर में 36 सड़कें यातायात के लिए ठप हैं।

प्रशासन ने कुल्लू-मनाली वामतट मार्ग को अरछंडी से रायसन पुल होकर बहाल कर दिया है। रातभर पर्यटक भूखे-प्यासे गाड़ियों में फंसे रहे। कुल्लू पहुंचने में 10 से 12 घंटे का समय लग गया। रास्ते में बने ढाबों में मैगी आदि का इंतजाम कर पर्यटक आगे बढ़ते गए। यातायात बहाल होते ही हजारों पर्यटक मनाली से लौटने शुरू हो गए।

प्रदेश में बरसात से 1956 बिजली ट्रांसफार्मर भी ठप पड़े हुए हैं। चंबा में 129, किन्नौर 128, लाहौल-स्पीति 206, मंडी 156, शिमला 380, सिरमौर 328 और सोलन में 619 बिजली ट्रांसफार्मर ठप पड़े हैं।

पराला फल मंडी जाने वाली सड़क भी हुई भूस्खलन में क्षतिग्रस्त!

भूस्खलन के खतरे को देखते हुए शिमला की भट्टाकुफर फल मंडी बंद करने के बाद अब पराला फल मंडी जाने वाली मुख्य सड़क भी डंगा गिरने के कारण क्षतिग्रस्त हो गई है। सैंज पेट्रोल पंप के पास देर रात हुए भूस्खलन से वाहनों की आवाजाही ठप हो गई। शिमला की भट्टाकुफर फल मंडी में भूस्खलन हुआ है। इससे मंडी को भारी नुकसान हुआ है। भूस्खलन की चपेट में आने सक एक गाड़ी भी क्षतिग्रस्त हो गई है।

मौसम विभाग ने प्रदेश में फिर से भारी बारिश का दिया अलर्ट!

हिमाचल में प्रदेश फिर भारी बारिश का अलर्ट जारी हुआ है। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला की ओर से प्रदेश के कई भागों में 15 व 16 जुलाई को भारी बारिश का येलो अलर्ट जारी किया है। राज्य के कई भागों में 18 जुलाई तक बारिश का सिलसिला जारी रह सकता है। वहीं, राजधानी शिमला में आज हल्की धूप खिलने के साथ बादल छाए हुए हैं। धौलाकुआं में 144.5, रेणुकाजी 87.0, रिकांगपिओ 42 और कोटखाई में 30.1 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई है।

चंद्रताल में फंसे 300 लोगों का आज किया जाएगा रेस्क्यू!

हिमाचल सरकार में मंत्री जगत सिंह नेगी और सीपीएस संजय अवस्थी ने 18 घंटे के कड़े संघर्ष के बाद देर रात बर्फ से ढके रास्ते को साफ करवाया। इसके बाद चंद्रताल पहुंचे। जगत सिंह नेगी ने सेटेलाइट फोन के माध्यम से मुख्यमंत्री को सूचित किया है। चंद्र ताल में फंसे यात्रियों को निकालने का काम बहुत जल्द शुरू होने वाला है। अब चिंता की कोई बात नहीं है। भारतीय सेना ने भी चंद्रताल जाने से मना कर दिया था।

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