मानसून उत्तराखंड में पूरी तरह छा चुका है। शनिवार को उत्तराखंड के ज्यादातर हिस्सों में दस्तक दे चुका था। वहीं मानसून की दस्तक के साथ ही प्रदेश में वर्षा का क्रम तेज हो गया है। अगले कुछ दिन देहरादून में कहीं-कहीं गरज-चमक के साथ तीव्र बौछारें पड़ने और आकाशीय बिजली चमकने को लेकर चेतावनी जारी की गई है।
सवाददाता लम्बा सफर, देहरादून/उत्तराखण्ड। पूरे उत्तराखंड में छाया दक्षिण-पश्चिम मानसून शनिवार को उत्तराखंड के ज्यादातर हिस्सों में दस्तक दे चुका था। हालांकि हरिद्वार और आसपास के क्षेत्र में मानसून रविवार को पहुंचा। इस तरह अब मानसून उत्तराखंड में पूरी तरह छा चुका है।
सोमवार को भी देहरादून सहित उत्तराखंड के अधिकतर इलाकों में मौसम खराब बना हुआ है। देहरादून में रूक-रूक कर बूंदाबांदी जारी है। वहीं चमोली जिले में नंदप्रयाग घाट मोटर मार्ग वन विभाग चेक पोस्ट से 20 मीटर आगे पहाड़ से मलबा आने के कारण मार्ग अवरुद्ध हो गया है। बागेश्वर में मलबा आने से सड़कें बंद
हिमालयी गांवों में वर्षा होने से जन जीवन प्रभावित होने लगा है। बागेश्वर में मलबा आने से दो सड़कें आवागमन के लिए बंद हो गई हैं। सरयू का जलस्तर बढ़ने से पेयजल संकट गहरा गया है। जिले के अन्य क्षेत्रों में सोमवार सुबह से रुक रुककर वर्षा हो रही है। नामती चेतबगड़ और सूपी मोटर मार्ग पर भूस्खलन से मलबा और बोल्डर गिरने से यातायात व्यवस्था ठप हो गया है।
गांवों में टैक्सी आदि वाहन फंसे हुए हैं। जिससे लगभग पांच हजार लोग प्रभावित हो गए हैं। जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी शिखा सुयाल ने बताया कि सड़कों को खोलने के लिए लोडर मशीन भेजने के लिए सड़क महकमों से संपर्क किया जा रहा है।
चार दिन प्रदेश में जोरदार वर्षा होने की संभावना
मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक बिक्रम सिंह के अनुसार आज यानी सोमवार को भी दून में गरज-चमक के साथ भारी वर्षा हो सकती है। इसे लेकर आरेंज अलर्ट जारी किया गया है।
अगले कुछ दिन देहरादून में कहीं-कहीं गरज-चमक के साथ तीव्र बौछारें पड़ने और आकाशीय बिजली चमकने को लेकर चेतावनी जारी की गई है। अगले चार दिन प्रदेश में जोरदार वर्षा होने की संभावना है।
वहीं मानसून की दस्तक के साथ ही प्रदेश में वर्षा का क्रम तेज हो गया है। रविवार को देहरादून समेत ज्यादातर क्षेत्रों में लगातार दूसरे दिन मूसलधार वर्षा हुई। दून में सुबह लगातार पांच घंटे तक हुई वर्षा से तापमान ने गोता लगाया। इस दौरान शहर की प्रमुख सड़कों पर जलभराव हुआ और कई मोहल्लों की गलियां कीचड़ से पट गईं।
मसूरी व आसपास दस घंटे तक बरसे बादल
रविवार को मसूरी और यमुना घाटी के ग्रामीण क्षेत्रों में करीब दस घंटे तक हुई वर्षा से जनजीवन प्रभावित हो गया। इस दौरान मसूरी के बाजारों में सन्नाटा पसरा रहा और बरसाती नाले उफान पर आ गए। वहीं यमुना व अगलाड़ नदियों का जलस्तर भी बढ़ गया।
चंडी देवी की पहाड़ियों से गिरा मलबा, यातायात प्रभावित
हरिद्वार.बिजनौर.मुरादाबाद राष्ट्रीय राजमार्ग पर लगातार हो रही भारी वर्षा से चंडी देवी की पहाड़ियों से मलबा गिर गया, जिससे चंडीघाट चौकी के समीप यातायात प्रभावित हुआ। सूचना मिलते ही पुलिस दल मौके पर पहुंचा और वर्षा में ही जेसीबी से मलबा हटवाकर यातायात सुचारू कराया।
भूस्खलन से हरिपुर-कोटी मार्ग तीन घंटे रहा बाधित
रविवार सुबह तेज वर्षा के चलते हरिपुर-कोटी मार्ग के किमी छह के पास भूस्खलन से तीन घंटे तक बाधित रहा। इस कारण जनजीवन प्रभावित रहा। इस दौरान मार्ग के दोनों ओर लंबा जाम लगा रहा। यह मार्ग हिमाचल को भी जोड़ता है। मार्ग को खोलने में जेसीबी को दो घंटे लगे। करीब तीन घंटे तक यातायात अवरुद्ध रहने से लोग परेशान रहे।
गंगा का जलस्तर बढ़ा
वर्षा के चलते गंगा का जलस्तर बढ़ गया है। जलस्तर बढ़ने पर प्रशासन ने हरिद्वार जिले में गंगा से सटे गांवों में अलर्ट जारी किया है। बाढ़ चौकियों पर तैनात कर्मचारियों को भी सतर्कता बरतने के निर्देश दिए गए हैं। दो दिनों से लगातार हो रही वर्षा के चलते गंगा का जलस्तर बढ़ गया है।
रविवार की सुबह गंगा का जलस्तर 29,1.40 मीटर दर्ज किया गया। चेतावनी निशान 293 मीटर जबकि खतरे के निशान 294 मीटर पर है। हालांकि जलस्तर अभी खतरे के निशान से बहुत नीचे है। फिर भी प्रशासन अलर्ट हो गया।
गंगा से सटे गांवों में प्रशासन की ओर अलर्ट जारी कर दिया गया। ग्रामीणों को गंगा के निकट नहीं जाने और सतर्कता बरतने के निर्देश दिए गए हैं। तहसीलदार चंद्रशेखर वशिष्ठ व कोतवाल अमरजीत सिंह ने बताया कि वर्षा के चलते गंगा का जलस्तर बढा है। गंगा से सटे इलाकां में अलर्ट जारी किया गया है। हालांकि फिलहाल क्षेत्र में हालात सामान्य हैं। बाढ चौकियों पर तैनात कर्मचारियों को सतर्क रहने को कहा गया है। प्रशासन स्थिति पर लगातार नजर रखे हुए है।
कोटा वाली नदी में आया पानी, वाहनों को वापस भेजा
कोटावाली पुल में वर्षा का पानी ज्यादा होने के कारण वाहनों को वापस भेजा गया। उत्तर प्रदेश की ओर से आने वाले वाहनों को वाया नजीबाबाद और उत्तराखंड से जा रहे वाहनों को चिड़ियापुर स्थित नहर पटरी से होकर भेजा गया।
उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड को आपस में जोड़ने वाले एकमात्र कोटा वाली पुल तीन अगस्त 2017 को क्षतिग्रस्त होने के बाद वहा अस्थायी रपटा बनाया गया था, इसके बाद वहां वहीं से गुजरते हैं वर्षाकाल के दौरान यहां वाहन चालक जान जोखिम में डाल नदी पार करने को मजबूर होते हैं।
वहीं पिछले तीन दिन से हो रही वर्षा से रविवार को अचानक कोटा वाली नदी का जलस्तर काफी बढ़ गया। उत्तर प्रदेश से की ओर से आ रही एक रोडवेज बस तेज बहाव में नदी पार कर रहा था, गनीमत रही कि उसमें कोई हादसा नहीं हुआ। जिसके बाद उत्तर प्रदेश पुलिस ने उधर से आ रहे सभी वाहनों को नजीबाबाद से उनके गंतव्य तक भेजा।
वहीं हरिद्वार की ओर से उत्तर प्रदेश जा रही बस को चिड़ियापुर स्थित नहर पटरी से नजीबाबाद होते हुए भेजा गया। बता दें कि इस नदी में बरसात के दौरान पूर्व में भी हादसे हो चुके हैं, उसके बावजूद कई वर्ष बीतने के बाद भी पुल का निर्माण नहीं हो पाया है।