धामी ने अधिकारियों को उन जिलों के साथ लगातार संवाद और समन्वय बनाए रखने का निर्देश दिया, जहां अत्यधिक बारिश हो रही है और आगे भी भारी वर्षा जारी रहने का अनुमान है, ताकि आपात स्थितियों से समय रहते निपटा जा सके।
लम्बा सफर,देहरादून। उत्तराखंड में मानसून के दस्तक देने और अगले कुछ दिन तक बारिश जारी रहने के पूर्वानुमान के बीच मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने रविवार को आपदा नियंत्रण कक्ष का दौरा कर प्रदेश के हालात का जायजा लिया तथा चारधाम श्रद्धालुओं से मौसम की अद्यतन जानकारी लेकर ही यात्रा करने की अपील की। मुख्यमंत्री ने सचिव आपदा प्रबंधन डॉ. रंजीत कुमार सिन्हा सहित नियंत्रण कक्ष में मौजूद विभिन्न अधिकारियों से प्रदेश में बारिश की स्थिति और उससे हुए जलभराव एवं नुकसान के बारे में जानकारी ली। धामी ने अधिकारियों को उन जिलों के साथ लगातार संवाद और समन्वय बनाए रखने का निर्देश दियाए जहां अत्यधिक बारिश हो रही है और आगे भी भारी वर्षा जारी रहने का अनुमान है, ताकि आपात स्थितियों से समय रहते निपटा जा सके।
उन्होंने इस संबंध में जिला अधिकारियों से आपदा राहत एवं बचाव कार्यों के लिए हमेशा अलर्ट मोड में रहने और पुलिस तथा राज्य आपदा प्रतिवादन बल (एसडीआरएफ) के साथ ही स्वास्थ्य कर्मियों की भी पर्याप्त व्यवस्था रखने को कहा। मुख्यमंत्री ने उत्तराखंड में नदी-नालों के आसपास रहने वाले लोगों को अतिरिक्त सतर्कता बरतने का निर्देश दिया। उन्होंने अधिकारियों से प्रत्येक जिले में पर्याप्त मात्रा में रैन बसेरों और राहत सामग्री की व्यवस्था करने को भी कहा, ताकि बारिश के कारण घर छोड़ने वाले लोगों को असुविधा न हो। धामी ने कहा कि जलभराव की स्थिति में पानी की निकासी की पर्याप्त व्यवस्था की जाए और आपदा की दृष्टि से संवेदनशील जगहों पर पहले से जेसीबी मशीन तैनात की जाए। उन्होंने भारी बारिश के मद्देनजर उच्च हिमालयी क्षेत्र में स्थित चारों धाम की वर्तमान स्थिति की भी जानकारी ली और केदारनाथ धाम का ऑनलाइन अवलोकन किया।
मुख्यमंत्री ने बाद में संवाददाताओं से बातचीत में चारधाम यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं से अपील की कि वे मौसम की अद्यतन जानकारी लेकर ही यात्रा करें। उन्होंने कहा ‘‘मैं श्रद्धालुओं से अपील करता हूं कि अगर मौसम ज्यादा खराब हो, तो वे अपनी यात्रा को रोक दें और मौसम विभाग की भविष्यवाणी के अनुसार चलें।’’ इस बीच विभिन्न क्षेत्रों में लगातार हो रही बारिश से प्रदेश में कई जगहों पर भूस्खलन के कारण सड़कें बंद हो गई हैं, जबकि गंगा सहित कई नदियों का जलस्तर बढ़ गया है।