गांडेय सीट जीती कल्पना सोरेन की बदल रही भूमिका – सरकार में आएंगी या संगठन में लगेगी ड्यूटी?

कल्पना सोरेन ने नए सिरे से महिला वोटबैंक को जोड़ा -मंईयां सम्मान यात्रा और आदिवासी अस्मिता के जरिए अपने वोटबैंक को साधा।

रांची: झामुमो की अगुवाई वाली इंडिया गठबंधन की जीत के जश्न में डूबे हेमंत सोरेन भी कल्पना सोरेन की तारीफ में ताली बजाते नजर आए। जीत के बाद हेमंत ने सोशल मीडिया पर कल्पना को स्टार कैंपेनर भी बताया। साथ ही समर्थक और घातक दाल के नेता भी कह रहे है की “इस जीत में कल्पना सोरेन की भी बड़ी भूमिका रही है।”

झारखंड के सियासी जानकार अब कल्पना की नई भूमिका को लेकर चर्चा कर रहे हैं। झारखंड के चुनाव में कल्पना एक मजबूत फैक्टर बनकर उभरी हैं। झारखंड मुक्ति मोर्चा गठबंधन की जीत में कल्पना सोरेन की भूमिका को अहम माना जा रहा है। कल्पना ने पूरे विधानसभा चुनाव में करीब 100 से ज्यादा रैलियों को संबोधित किया। कहा जा रहा है कि कल्पना ने जिस तरीके से मंईयां सम्मान यात्रा और आदिवासी अस्मिता के जरिए अपने वोटबैंक को साधा, उससे बीजेपी की सारी रणनीतियां धवस्त हो गई।

क्या होगा कल्पना सोरेन का सियासी भविष्य ?

सरकार में स्थान पाने की संभावनाएं कम:  विधानसभा चुनाव में झारखंड मुक्ति मोर्चा ने 34 सीटों पर जीत हासिल की है। वहीं कांग्रेस 16 पर, आरजेडी 4 पर और भाकपा माले 2 सीटों पर जीत हासिल की है। झारखंड में कुल 12 मंत्री बनाए जा सकते हैं। हेमंत सोरेन ने जब से कुर्सी संभाली है, तब से उन्होंने एक फॉर्मूले को सख्ती से पालन किया है।

जिसके तहत सरकार में सोरेन परिवार के सिर्फ एक सदस्य को ही शामिल करते रहे हैं। हेमंत जब जेल गए और चंपई सोरेन मुख्यमंत्री बने, तब बसंत सोरेन को मंत्री बनाया गया था, लेकिन हेमंत जैसे ही फिर सीएम बने, बसंत को कैबिनेट से हटा दिया गया। ऐसे में हेमंत कैबिनेट में कल्पना सोरेन को जगह मिले, इसकी गुंजाइश कम है। क्षेत्रीय और जातिगत समीकरण के लिहाज से भी कल्पना को सरकार में जगह मिलनी मुश्किल है।

संगठन में मिल सकता है बड़ा पद- वर्तमान में झामुमो संगठन में शिबू सोरेन राष्ट्रीय अध्यक्ष और हेमंत सोरेन कार्यकारी अध्यक्ष हैं। पार्टी में इसके बाद उपाध्यक्ष और महासचिव का पद है। शिबू सोरेन प्रतीकात्मक तौर पर ही राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं। जबकि हेमंत सोरेन ही सारा कामकाज देखते हैं।

वहीं जेएमएम के भीतर एक चर्चा कल्पना के संगठन में बड़ा पद देने की है। कहा जा रहा है कि हेमंत अगर मुख्यमंत्री बनते हैं तो जेएमएम के कार्यकारी अध्यक्ष का जिम्मा कल्पना को दे सकते हैं। लोकल लेवल पर पार्टी के पास पुराने काडर ही है।

कल्पना ने नए सिरे से महिलाओं को भी जोड़ा है, जब पहली बार झारखंड में महिलाएं अलग वोटबैंक के उप में नजर आई। ऐसे में इसे साधे रखने के लिए कल्पना को हेमंत संगठन में भेज सकते हैं।

जेएमएम के भीतर एक सिनेरियो यह भी- कहा जा रहा है कि गांडेय सीट से जीती कल्पना सोरेन को विधायक के रूप में ही कंटिन्यू रखा जा सकता है और उन्हें इसी दौरान प्रशासनिक कामों से जुड़ी ट्रेनिंग दिलाई जा सकती है। इसी साल जनवरी में जब हेमंत को जेल जाना पड़ा था, तब कल्पना बिल्कुल नौसिखिया थीं, जिसके कारण चंपई सोरेन को मुख्यमंत्री की कुर्सी सौंपनी पड़ी थी। कहा जा रहा है कि जेएमएम के भीतर अब इस तरह की आपात स्थिति से निपटने के लिए हेमंत कल्पना को तैयार कर रहे हैं।

जेएमएम नेताओं के पोस्टर में छाईं कल्पना

झारखंड मुक्ति मोर्चा की जीत के बाद जेएमएम नेताओं के पोस्टर में कल्पना सोरेन छा गई हैं। सभी नेताओं के पोस्टर में शिबू सोरेन, हेमंत सोरेन के साथ कल्पना की भी तस्वीर लगी है। रांची में जब हेमंत ने जीत को लेकर प्रेस कॉन्फ्रेंस किया तो कल्पना उनके बगल की सीट पर बैठी नजर आईं। जबकि पहले कल्पना पीछे या साइड की सीट पर ही नजर आती थीं। कहा जा रहा है कि चुनाव परिणाम के बाद अब कल्पना जेएमएम के भीतर काफी मजबूत हो गई हैं।

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