चौतरफा फंसे राहुल गांधी की क्या जा सकती है लोकसभा सदस्यता ? क्या कहते हैं नियम

लम्बा सफर, नई दिल्ली। लंदन में अपने ‘लोकतंत्र की मृत्यु’ टिप्पणी पर राहुल गांधी की माफी के मुद्दे पर कांग्रेस और भाजपा दोनों ने एड़ी-चोटी का जोर लगा दिया है। अडानी-हिंडनबर्ग विवाद के साथ इस मुद्दे ने बजट सत्र को बाधित कर दिया है और विशेष संसदीय समिति की जांच की मांग करने वाले भाजपा के साथ आगे बढ़ने की संभावना है। इंडिया टुडे कॉन्क्लेव 2023 में कांग्रेस नेता शशि थरूर ने शुक्रवार को कहा कि राहुल गांधी को यूके की अपनी यात्रा के दौरान भारतीय लोकतंत्र पर अपनी टिप्पणी के लिए माफी मांगने की जरूरत नहीं है। थरूर ने कहा कि राहुल गांधी ने माफी मांगने लायक ऐसा कुछ भी नहीं कहा है।
थरूर ने कहा कि ऐसा लगता है कि बीजेपी इस बात पर जोर दे रही है कि लोकसभा में बोलने से पहले राहुल गांधी संसद के बाहर माफी मांगें। यह दुख की बात है कि एक परिवार का अहंकार संसद की संस्था से ऊपर है। अगर वह संसद के प्रति गंभीर हैं, तो उन्हें संसद का सहारा लेने से पहले तुरंत बाहर माफी मांगनी चाहिए थी। आप संसद को कमजोर करके उसका सहारा नहीं ले सकते। बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने ट्वीट कर कहा, ‘पहले देश से माफी मांगें।
भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने मांग की है कि राहुल गांधी की टिप्पणी की जांच के लिए एक विशेष संसदीय समिति का गठन किया जाए और इस पर विचार किया जाए कि क्या उन्हें लोकसभा से निष्कासित किया जाना चाहिए। दुबे ने कहा कि कैंब्रिज विश्वविद्यालय में राहुल का भाषण ‘अपमानजनक और अशोभनीय’ था। यदि एक विशेष संसदीय समिति का गठन किया जाता है, तो वह एक महीने के भीतर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत कर सकती है। निशिकांत दुबे ने बुधवार को कहा कि उन्होंने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को पत्र लिखकर यूपीए-1 सरकार के दौरान नोट के बदले वोट घोटाले पर 2008 में बनाई गई एक विशेष संसदीय समिति के गठन की मांग की थी। जिसके कारण अंततः लोकसभा के 10 सांसदों और राज्यसभा के एक सांसद को निष्कासित कर दिया गया।
ऐसे में अगर स्पेशल कमेटी बनी तो बीजेपी लोकसभा में बहुमत में है। ये कमेटी एक महीने में करीब अपनी रिपोर्ट दे देगी। जाहिर सी बात है कि लोकसभा में बीजेपी के बहुमत होने के कारण कमेटी में बीजेपी के सदस्य ज्यादा होंगे। वो अगर राहुल को लोकसभा से निलंबित करने की सिफारिश करते हैं और इस पर वोटिंग होती है तो मामला बीजेपी के पक्ष में जाएगा, यानि वो राहुल को निलंबित करने को लेकर जो चाहती है, वो हो जाएगा।

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