बजरंग पुनिया की अगुवाई में धरने का आज आठवां दिन!
कुश्ती संघ अध्यक्ष बृजभूषण ने आरोपों से किया इंकार!
राजनीतिक षडयंत्र के तहत लगाए जा रहें हैं आरोप: बृजभूषण
जंतर मंतर/दिल्ली (लम्बा सफर ब्यूरो): गोंडा भाजपा सांसद सह भारतीय कुश्ती संघ अध्यक्ष ब्रजभूषण शरण सिंह के खिलाफ दिल्ली के जंतर -मंतर पर महिला रेसलर वीनेश फोगाट, पहलवान बजरंग पुनिया, साक्षी मल्लिक सहित कई खिलाड़ियों का धरना -प्रदर्शन आज आठवें दिन भी जारी हैं। जनवरी में धरना देने के बाद अभी दूसरी बार ये लोग फिर धरने पर बैठे हैं!
बजरंग पूनिया और साक्षी मलिक जैसे ओलंपिक पदक विजेता पहलवान इस धरना -प्रदर्शन की अगुआई कर रहे हैं। पहलवानों ने कुश्ती संघ के अध्यक्ष बृजभूषण सिंह पर यौन शोषण के आरोप लगाए हैं? उनकी शिकायत पर दिल्ली पुलिस ने एफआईआर दर्ज किया है। पहलवानों की मांग है कि बृजभूषण सिंह को गिरफ्तार किया जाए!
सुप्रीम कोर्ट ने अगली सुनवाई के लिए समय दिया हैं। खिलाड़ियों के धरने में प्रियंका गांधी, अरविंद केजरीवाल, पुर्व राज्यपाल सतपाल मलिक सहित अब तक कई बड़े नेता भी शामिल हो कर अपना सर्मथन दें चुकें हैं। मतलब इस मामलें का पुरी तरह से राजनीति करण हो गया हैं!
बजरंग पुनिया ने धरने के आठवें दिन ट्वीट कर लोगों से मदद की गुहार लगाई है। उन्होंने लिखा, ”देश की चैंपियन बेटियां आज अन्याय की लड़ाई लड़ रही हैं। यहां बिजली और पानी भी बंद कर दिया गया है, फिर भी यह लड़ाई जारी है। अन्याय के विरुद्ध इस लड़ाई में हम अपनी बेटियों के साथ खड़े हैं, अपनी बेटियों की आवाज बन रहे हैं, आप भी अपना फर्ज निभाइए, साथ आइए!
बताते चलें कि दुसरी तरफ सांसद बृजभूषण शरण सिंह ने मीडिया के समक्ष इन सारे आरोपों को एक सिरे से खारिज कर दिया! उन्होंने कहा कि एक राजनीतिक षडयंत्र के तहत मुझ पर आरोप व हमारी पार्टी को बदनाम किया जा रहा हैं! जिसका फायदा विपक्षी पार्टी के नेता उठाना चाहते हैं! मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा हुआ हैं, हम न्यायालय का सम्मान करतें हुए, न्यायिक जांच का भी सम्मान करते हैं।
सुत्रों की मानें तो पहलवान बजरंग पुनिया कभी सांसद बृजभूषण के काफी करीबी माने जाते थें, मंच पर उनकी तारीफ करते नहीं थकते थें! अब ऐसे में सवाल उठता हैं कि अचानक से ऐसा क्या हुआ कि रिश्तों में दरार आ गई? और पुनिया आज उनके खिलाफ महिला पहलवानों के साथ आंदोलन कर रहें हैं?
अंदर खाने की खबर हैं कि खिलाड़ियों के धरना +प्रर्दशन के पिछे कुछ राजनीतिक पार्टियों के नेता भी शामिल हैं जो इस आंदोलन का लाभ लेकर भाजपा को बदनाम करना चाहते हैं!
अब इस मामले पर भाजपा का स्टैंड क्या होगा? ये कहना अभी मुश्किल हैं क्योंकि पल -पल हालात बदल सकतें हैं? कुल मिलाकर इस मामले का पुरी तरह से राजनीति करण हो गया हैं!