जनपद में शिक्षा की गुणवत्ता को बेहतर करना सभी की नैतिक जिम्मेदारी है तथा बच्चों को उच्च कोटी की शिक्षा देना सभी शिक्षकों का नैतिक कर्तव्य है : जिलाधिकारी

लम्बा सफर, रुद्रप्रयाग 17 जून, 2023

       जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (डायट) कार्यक्रम सलाहकार समिति (पीएसी) की बैठक जिलाधिकारी मयूर दीक्षित की अध्यक्षता में जिला कार्यालय एनआईसी कक्ष में आयोजित की गई जिसमें संस्थान द्वारा संचालित किए जा रहे विभिन्न कार्यक्रमों की समीक्षा की गई।
      बैठक में जिलाधिकारी ने शिक्षा विभाग के अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि जनपद में शिक्षा की गुणवत्ता को बेहतर करना सभी की नैतिक जिम्मेदारी है तथा बच्चों को उच्च कोटी की शिक्षा देना सभी शिक्षकों का नैतिक कर्तव्य है इसके लिए यह आवश्यक है कि कार्यक्रम सलाहकार समिति के तहत जो भी कार्यक्रम संचालित किए जा रहे हैं उन कार्यक्रमों का संचालन ठीक ढंग से किया जाए। उन्होंने कहा कि गुणवत्ता शिक्षा के लिए बेहतर तकनीक का प्रयोग किया जाय ताकि शिक्षकों द्वारा बच्चे को जो पढाया जा रहा है उसे बच्चे बेहतर तरीके से अध्ययन करते हुए सरलता पूर्वक सीख सकें। उन्होंने यह भी निर्देश दिये हंै कि बच्चों के उज्जवल भविष्य के लिए यह आवश्यक है उनकी प्रारंभिक शिक्षा गुणवत्तापूर्ण हो ताकि एक मजबूत नीव का निर्माण हो सके, जिससे बच्चे भविष्य में किसी भी उच्च मुकाम को आसानी से हासिल कर सकें।
      उन्होंने मुख्य शिक्षा अधिकारी को निर्देश दिए हैं कि जनपद के दूरस्थ क्षेत्रों में नवाचार गतिविधियों एवं शिक्षा के चित्रात्मक एवं भावात्मक माध्यमों का भी विस्तार किया जाय, साथ ही ऐसे शिक्षकों जिनके द्वारा शिक्षा के क्षेत्र में बेहतर ढंग से कार्य किया जा रहा है, उनके संबंध में प्रचार-प्रसार कर उनके द्वारा संपादित कार्यों एवं उसके परिणामों का प्रदर्शन करते हुए उन्हें प्रोत्साहित करें, ताकि अन्य शिक्षक भी ऐसे शिक्षको से प्रेरणा ले सकें। उन्होंने यह भी कहा ऐसे शिक्षक जिनका वार्षिक परीक्षाफल विगत समय से ठीक नहीं रह रहा है उन्हें उचित मार्गदर्शन एवं प्रशिक्षण दिया जाय, ताकि वे अपने परीक्षाफल एवं सुधार ला सकें।
      जिलाधिकारी ने मुख्य शिक्षा अधिकारी को यह भी निर्देश दिए हैं कि वे शिक्षकों को विद्यालय में आयोजित किये जाने वाले हैप्पी हावर के संबंध में मजबूत प्रशिक्षण दें ताकि बच्चों के पठन-पाठन की शुरूआत एक मजबूत एवं स्वस्थ मानसिकता के साथ हो सके। उन्होंने यह भी निर्देश दिए हैं कि शिक्षकों द्वारा अभिभावकों के साथ अनिवार्य रूप से बैठक आयोजित करें तथा छात्र के संबंध में उन्हें पूरी जानकारी से अवगत कराया जाए ताकि अभिभावक भी अपने बच्चों पर विशेष ध्यान दे सकें। इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में जो भी स्वयं सेवी संस्थाएं कार्य कर रही हैं उनके साथ बैठक आयोजित करते हुए उन्हें अलग-अलग टास्क दिया जाए किसी भी संस्था द्वारा एक जैसा कार्यक्रम न किया जाए इसकी भी निरंत समीक्षा करने के निर्देश दिए।
      इस अवसर पर मुख्य शिक्षा अधिकारी विनोद प्रसाद सिमल्टी ने कार्यक्रम सलाहकार समिति शिक्षा समग्र शिक्षा के तहत संचालित किए जा रहे कार्यक्रमों की पीपीटी के माध्यम से विस्तार से जानकारी दी।
       बैठक में सहायक निदेशक एससीईआरटी देहरादून मुकेश चंद्र सेमवाल, जिला शिक्षा अधिकारी बेसिक जीतेंद्र सक्सेना, प्रधानाचार्य राजकीय इंटर काॅलेज रामाश्रम जीएस जगवाण, आशुतोष गौड़ समग्र शिक्षा रुद्रप्रयाग, राजेंद्र बडोनी संकुल प्रभारी कांडा, प्रदीप रंजन चमोली, अनिल कुमार चैमियाल, अजीम प्रेमजी फाउंडेशन के कर्ण सिंह आदि मौजूद रहे।

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