लम्बा सफर, पौड़ी/01 जून, 2023ः जिलाधिकारी डॉ0 आशीष चौहान की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट सभागार में आगामी मानसून से पूर्व तैयारियों के संबंध में समीक्षा बैठक आयोजित की गयी।
जिलाधिकारी ने सभी उपजिलाधिकारियों को जनपद में विभिन्न आपदा की दृष्टि से जोखिम क्षेत्र तथा मानसून की अवधि में भूस्खलन, जलभराव, बादल फटना इत्यादि की दृष्टि से संवेदनशील क्षेत्रों का पूर्व के आपदा के इतिहास की जानकारी तथा ऐसे क्षेत्रों को उसी अनुरूप चिन्हित करने के निर्देश देते हुए कहा कि ऐसे विभिन्न क्षेत्रों में आपदा की स्थिति में सुरक्षित स्थलों और शैड़ो का पूर्व चिन्हिकरण करने तथा आपदा के जोखिम को कम करने के लिए जरूरी पूर्व कदम उठाने तथा आपदा के दौरान तत्काल रिकवरी के लिए जरूरी कदम उठाने के निर्देश दिये। उन्होंने ऐसे नदी-नाले वाले क्षेत्र जहां पर अतिवृष्टि की दशा में खतरा बना रहता है उनकी भी मैपिंग करने के निर्देश दिये।
उन्होंने सभी तहसीलों में मानसून से पूर्व आपदा कंट्रोल रूम को सक्रिय करने, वहां पर कार्मिकों की तैनाती तथा आपदा की रिकवरी के लिए सभी प्रकार के लगने वाले संसाधनों को चैक करते हुए यदि किसी भी दशा में अतिरिक्त जरूरत हो तो समय रहते उसको पूर्ण करने के निर्देश दिये।
उन्होंने आपदा के संवेदनशील क्षेत्रों में गर्भवती महिलाओं के स्वास्थ्य जांच तथा इस अवधि के दौरान डिलीवरी होने वाली महिलाओं की नियमित निगरानी रखते हुए उनको आपदा स्थिति में त्वरित सहायता के लिए पूर्व में ही स्वास्थ्य विभाग के समन्वय से व्यवस्था बनाने के निर्देश दिये। ऐसे क्षेत्रों में ग्राम प्रधानों को यथासंभव सैटेलाइट फोन इत्यादि उपलब्ध करवाने की कोशिश करें ताकि कनेक्टिविटी बाधित होने की स्थिति में सहायक सिद्व हो सके। उन्होंने विभिन्न क्षेत्रों में हैलीपैड की स्थिति को भी अपने स्तर पर सत्यापित करवाने तथा तहसील स्तर पर सभी प्रकार के कार्यों को समन्वय बनाने के निर्देश दिये।
जिलाधिकारी ने सभी नगर निकायों(नगर निगम, नगर पालिका और नगर पंचायत) के अधिकारियों को अपने-अपने क्षेत्रों में जलभराव वाले क्षेत्रों में पानी की निकासी को तत्काल दुरूस्थ करने तथा सभी नालों और नालियों की एक बार बरसात से पूर्व सफाई करने के निर्देश दिये ताकि जलभराव की समस्या ना हो सके।
उन्होंने मुख्य शिक्षाधिकारी को विभिन्न क्षेत्रों में स्कूली भवनों का एक बार सत्यापन करवाने को कहा और यदि कोई भवन क्षतिग्रस्त है अथवा सुधार की जरूरत है तो उसे तत्काल ठीक करवायें। उन्होंने पेयजल निगम और जल संस्थान को भी आपदा स्थिति के दौरान पेयजल वैकल्पिक व्यवस्था बनाने तथा तत्काल पेयजल लाइनों को सुचारू करने के लिए पूर्व कार्ययोजना बनाने को कहा। इसी प्रकार लोक निर्माण विभाग, राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण और पीएमजीएसवाई को मानसून के दौरान क्षतिग्रस्त अथवा अवरूद्व होने वाली सड़क कनेक्टिविटी को तत्काल सुधार करने के लिए पहले से ही जरूरी कदम उठाने के निर्देश दिये। इसी प्रकार विद्युत विभाग को भी विद्युत की तत्काल पुनर्बहाली और वैकल्पिक व्यवस्था बनाने पर कार्य करने और झूके हुए विद्युत लाइनों, पोल शिफ्टिंग और पेड़ लॉपिंग इत्यादि के कार्य पूर्व में संपादित करने के निर्देश दिये।
जिलाधिकारी ने जिला पूर्ति विभाग को संपूर्ण जनपद में मानसून के सीजन में पर्याप्त खाद्य और गैस की आपूर्ति बनाये रखने तथा आपदा स्थिति में कैम्प में लोगों को भोजन उपलब्धता हेतु रेट लिस्ट तथा टैंडर प्रक्रिया जो भी पूर्ण करने हो समय से पूर्व करने के निर्देश दिये।
जिलाधिकारी ने सभी तहसीलों के साथ-साथ विकासखंड़ों को पूर्व में ही हर तरह की तैयारी पूर्ण रखने के निर्देश दिये। उन्होंने आपदा प्रबंधन के सभी प्रकार के संसाधनों को एक बार चैक करने तथा जिस सामान की तत्काल क्रय करने की जरूरत हो उसको क्रय करने की औपचारिकताएं त्वरित गति से पूर्ण करने के निर्देश दिये। उन्होंने सभी उपजिलाधिकारियों को मानसून के दौरान संवेदनशील क्षेत्रों की मैपिंग, तहसील स्तर पर सामान-सामग्री की उपलब्धता अथवा क्रय करने की प्रक्रिया, मानसून सीजन में आपदा के पूर्व के अनुभव व जानकारी, कंट्रोल रूम का मय कार्मिकों की तैनाती सहित स्थापन इत्यादि का एक सप्ताह के भीतर रैपिड सर्वे व चिन्हिकरण करते हुए रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिये।
इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी अपूर्वा पाण्डे, अपर जिलाधिकारी ईला गिरी, अधीक्षण अभियंता लोनिवि पीएस बृजवाल, जिला विकास अधिकारी पुष्पेंद्र चौहान, मुख्य कोषाधिकारी गिरीश चंद्र, आरटीओ अनिता चंद, मुख्य कृषि अधिकारी अमरेंद्र चौधरी, उपजिलाधिकारी मुक्ता मिश्रा, मुख्यशिक्षाधिकारी डॉ0 आनंद भारद्वाज सहित अन्य अधिकारी वीसी के माध्यम से उपस्थित रहे।