दिल्ली में हवा में उड़ने वाली बसों की जरूरत- नितिन गडकरी
मिशन पत्रकारिता के वर्चस्व और प्रखर पत्रकार हैं प्रदीप सरदाना – नितिन गडकरी
लम्बा सफर, नयी दिल्ली ! 13 जनवरी, दिल्ली जब भी आता हूँ आने से डरता हूँ। यहाँ आते ही खांसी शुरू हो जाती है। यहाँ का प्रदूषण एक ऐसी समस्या है जिसके लिए हम सब बहुत कोशिश कर रहे हैं। दिल्ली के आजू बाजू 60 हज़ार करोड़ रुपए की सड़क भी बना रहे हैं। फिर भी नहीं कह सकता प्रदूषण का क्या होगा। दरअसल दिल्ली को हवा में उड़ने वाली बसों की जरूरत है।
उपरोक्त विचार केन्द्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने वरिष्ठ पत्रकार प्रदीप सरदाना के 44 साल पुराने अखबार ‘पुनर्वास’ के न्यूज़ पोर्टल का लोकार्पण करते हुए व्यक्त किए। नयी दिल्ली के कॉन्स्टीट्यूशन क्लब में आयोजित इस समारोह में लोकसभा सांसद मनोज तिवारी,दिल्ली प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा,जाने माने कवि सुरेन्द्र शर्मा, अशोक चक्रधर, दिल्ली के पूर्व मुख्य सचिव उमेश सैगल,प्रसिद्द चिकित्सक डॉ ए एस दवे और दिल्ली के विधायक ओमप्रकाश शर्मा और अभय वर्मा सहित कई गणमान्य व्यक्ति मौजूद थे।
श्री गडकरी ने कहा- पत्रकार- लेखक अपनी लेखनी और दृष्टि से समाज को एक नयी दिशा दे सकते हैं। जैसे जाने माने पत्रकार प्रदीप सरदाना कर रहे हैं। उनकी पत्रकारिता की 48 साल की यात्रा अद्धभुत है। मिशन पत्रकारिता के वर्चस्व पत्रकारों में प्रदीप सरदाना जी का नाम आता है। जो समाज के हित में है उसको प्रखरता से रखने की ताकत जिन पत्रकारों में है उनमें से आप हैं। बड़ी बात यह भी है कि आपने सिर्फ 14 साल की उम्र में पत्रकारिता शुरू की। 17 साल की उम्र में ‘पुनर्वास’ के संपादक बने। फिर ऐसा कोई हिन्दी अखबार नहीं है जिसके साथ आपने काम न किया हो। आपने सभी अखबारों में लिखा। आपने जो लिखा उसे लोगों ने मान्यता दी। आपकी मिशन पत्रकारिता के पीछे एक मकसद रहा है। आपके लेखन और शब्दों में जो उदिष्ट है,उसमें आम आदमी तक पहुँचाने की आपके मन में की प्रतिबद्धता स्पष्ट झलकती है। आपका यह लेखन समाज जीवन के साथ राष्ट्र जीवन को बदलने में सक्षम रहा है।‘’
गडकरी ने यह भी कहा कि हमने तकनीक की ताकत से अब हवाई जहाज को भी पानी में उतारने में सफलता पाई है। अब हम मुंबई में बन रहे नए वसई हवाई अड्डे तक पहुँचने के लिए समुन्द्र के रास्ते एक ‘वाटर टैक्सी’ शुरू करेंगे। जिससे सिर्फ 17 मिनट में कहीं से भी हवाई अड्डे पहुंचा जा सकेगा। इससे सड़क पर तो यातायात कम होगा ही साथ ही दस हज़ार लोगों को रोजगार भी मिलेगा।
आधुनिक तकनीक से समस्याओं के निदान पर गडकरी ने कहा-तकनीक से हम पराली जलने की समस्या को दो-चार साल में दूर कर सकेंगे। हम तकनीक से गाजीपुर की टीकरी से ग्रीन हायड्रोजन बना कर दिल्ली की कारों, बसों और उद्योग को बिना डीजल-पैट्रोल के उस ईंधन से चला सकते हैं। दिल्ली–मेरठ राज मार्ग बनाते हुए मैंने इस काम को करने की कोशिश भी की। लेकिन कचरे की छँटाई की समस्या आड़े आने से वह काम रुक गया। जबकि हम नागपुर में तकनीक से शौचालयों का पानी को बेचकर 300 करोड़ रुपए सालाना कमा रहे हैं।