मुख्यमंत्री ने केंद्र जीएसटी से राजस्व भरपाई के लिए मांगे और 5 साल।

रांची (लम्बा सफर डेस्क): झारखंड के राजस्व में हर साल करीब पांच हजार करोड़ की कमी आई है। यह दावा झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने किया। उन्होंने बुधवार को केंद्र माल एवं सेवाकर (जीएसटी) लागू करने से राजस्व में आई कमी की भरपाई के लिए जून 2022 को खत्म हुई मियाद को और पांच साल तक बढ़ाने की मांग की है।

झारखंड में हेमंत सोरेन की रहती है सरकार तो नहीं रहेगा पिछडा राज्य उन्होंने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि कोल इंडिया लिमिटेड पर झारखंड की 1.36 लाख करोड़ रुपये की देनदारी बाकी है, जिसे चुकाया नहीं जा रहा है। झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) के नेतृत्व में वर्ष 2019 में सरकार बनी थी। जेएमएम का नेतृत्व हेमंत सोरेने कर रहे हैं। सोरेन ने दावा किया अगर आगामी दस साल तक उनकी सरकार रहती हैं तो झारखंड पिछड़ा राज्य नहीं रहेगा।

जीएसटी लागू करने से हुए घाटे की क्षतिपूर्ति की अवधि और पांच साल बढ़ाई जाए। झारखंड के मुख्यमंत्री ने कहा कि वित्तीय संकट के बीच हमारी चुनौतियां बढ़ रही है। राज्य को हर साल पांच हजार करोड़ रुपये का नुकसान हो रहा है। उन्होंने केंद्र से जीएसटी लागू करने से हुए घाटे की भरपाई के लिए पांच साल और बढ़ाने की मांग की है। 2017 में लागू की गई जीएसटीगौरतलब राष्ट्रव्यापी

जीएसटी एक जुलाई 2017 को लागू करने के साथ 17 केंद्रीय और राज्य कर उसमें मिला दिया गया। जीएसटी लागू करने के दौरान तय किया गया कि राज्यों को राजस्व में होने वाली क्षति की भरपाई अगले पांच साल तक की जाएगी और यह अवधि 30 जून 2022 को खत्म हो चुकी है।

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