शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत द्वारा वन राजी छात्रों का विद्यारम्भ, झाझरा दून संस्कृति जनजातीय विद्यालय में पढ़ेंगे


तरुण विजय ने कहा कि वे वन राजी बोली के देवनागरी में लिपीकरण का प्रकल्प इन छात्रों एवं युवाओं की सहायता से सम्पादित करेंगे जो वन राजी जनजाति हेतु प्रथम प्रयास हो सकता है।
लम्बा सफर, धारचूला। धारचूला और जौल जीवी जैसे दूरस्थ गाँवों से पूर्व सांसद तरुण विजय के प्रयासों से देहरादून कंप्यूटर विज्ञानं की शिक्षा और खेलकूद में निपुणता हेतु आये वन राजी बच्चों को तिलक लगाकर एवं विद्या सामग्री प्रदान कर प्रदेश के शिक्षा मंत्री डॉ धनसिंह रावत ने उनका विद्यारम्भ संस्कार संपन्न कराया। इस अवसर पर तरुण विजय, मुख्य शिक्षा अधिकारी प्रदीप रावत, बेसिक शिक्षा अधिकारी राजेंद्र रावत, पिथौरागढ़ से बच्चों के साथ आये प्रेरक राजनेता पूर्व विधायक गगन सिंह रजवार ( जो स्वयं वन राजी हैं ) एवं बच्चों के बीस अभिभावक उपस्थित थे।
डॉ धनसिंह रावत ने इस प्रयास को अत्यंत महत्वपूर्ण बताया और तरुण विजय के इस कदम की सराहना करते हुए प्रदेश सरकार की और से पूर्ण सहायता का वचन दिया। तरुण विजय ने कहा कि वे वन राजी बोली के देवनागरी में लिपीकरण का प्रकल्प इन छात्रों एवं युवाओं की सहायता से सम्पादित करेंगे जो वन राजी जनजाति हेतु प्रथम प्रयास हो सकता है। तरुण विजय ने कहा कि आईआईटी कानपूर के निदेशक प्रो अभय करंदीकर ने वन राजी बोली के डिजीकरण एवं लिपीकरण हेतु आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के माध्यम से सहयोग का आश्वासन दिया है।
उल्लेखनीय है कि वन राजी भारत सर्वाधिक विलुप्तीकरण खतरे से जूझ रहे अठारह मानव समुदायों में से एक है। वे अभी कुछ समय तक गुहा युग के अंधकार में थे। मोदी सरकार एवं विशेषकर वर्तमान राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की संवेदना उनके लिए अनेक योजनाएं बनीं। प्रदेश सरकारए पिथौरागढ़ जिलाधिकारी डॉ रीना जोशी एवं वन राजी समाज के बीच से उभर कर आगे आये गगन सिंह रजवार जैसे समर्पित लोगों के कारण धीरे धीरे इनके मध्य प्रगति का उजाला फैलने लगा है। उन्होंने डॉ धनसिंह रावत के सहयोग के आश्वासन पर धन्यवाद दिया।

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