“सुरक्षा चिंतन शिविर” में विश्वविद्यालय और विद्यार्थियों से जुड़े मुद्दों पर हुई चर्चा

दिल्ली पुलिस और दिल्ली विश्वविद्यालय की एक पहल

लम्बा सफर,, नई दिल्ली, 24 मई।

उत्तरी जिला पुलिस (दिल्ली पुलिस) और दिल्ली विश्वविद्यालय की एक पहल के तहत बुधवार, 24 मई को एक संयुक्त “सुरक्षा चिंतन शिविर” का आयोजन किया गया। सिविल लाइंस स्थित जीओ’स मैस में आयोजित इस इंटरैक्शन शिविर में विश्वविद्यालय और विद्यार्थियों से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर चर्चा हुई। इस अवसर पर दिल्ली विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. योगेश सिंह ने सभी बड़े आयोजनों में दिल्ली पुलिस के साकारात्मक और सक्रिय सहयोग के लिए पुलिस का आभार जताते हुए कहा कि विश्वविद्यालय से पुलिस विभाग को जो सहायता चाहिए उसके लिए विश्वविद्यालय प्रशासन पूरी तरह तैयार है। इस अवसर पर जहां विश्वविद्यालय से जुड़े अधिकारियों ने अनेकों मुद्दों पर पुलिस का ध्यान दिलवाया, वहीं पुलिस प्रशासन द्वारा भी समाधानों सहित अनेकों योजनाओं की जानकारी उपलब्ध कारवाई गई।

कुलपति ने कहा कि समाज में बहुत परिवर्तन आ रहा है। पिछले 25-30 वर्षों में समाज और परिवार जैसी संस्थाओं में काफी गिरावट आई है। उन्होंने कहा कि बच्चों में समाज और परिवार व शिक्षकों का डर काफी घटा है, लेकिन पुलिस का डर अभी बाकी है। कुलपति ने कहा कि अगर शिक्षक गलत काम पर विद्यार्थियों को टोकते रहेंगे तो सामाजिक संस्थाओं की मजबूती बनी रहेगी। इसके साथ ही प्रो. योगेश सिंह ने कहा कि अगले 10-15 वर्षों में पुलिस और विश्वविद्यालयों की चुनौतियां बढ़ाने वाली हैं। ऐसे में यह जरूरी है कि शिक्षक विद्यार्थियों को अच्छी शिक्षा दें, जिससे कि उनका व्यवहार भी अच्छा हो और आचरण भी अच्छा रहे। उन्होंने इसके लिए समाज शास्त्रियों को भी चिंतन करने का आह्वान किया। इस दौरान प्रकाश में आए विभिन्न मुद्दों पर विश्वविद्यालय की ओर से पक्ष रखते हेतु कुलपति ने कहा कि विश्वविद्यालय में अच्छे फूड कोर्ट बनाने के लिए गंभीरता से प्रयास किए जाएंगे। इसके लिए उन्होने कुलसचिव डॉ. विकास गुप्ता को कमेटी बनाने के लिए आह्वान भी किया। विश्वविद्यालय से गुजरने वाली सड़कों पर यातायात की समस्या को लेकर कुलपति ने कहा कि इसके लिए सरकार को एलिवेटेड रोड बनाने के लिए प्रोजेक्ट भेजा जाएगा। उन्होने कहा कि यह योजना लंबी तो हो सकती है लेकिन काफी लाभदायक रहेगी।

पुलिस विभाग की ओर से उत्तरी जिला पुलिस के डीसीपी सागर सिंह कलसी ने सुरक्षा संबंधित मुद्दों पर जानकारी देते हुए बताया कि “सेफ सिटी” प्रोजेक्ट के तहत दिल्ली विश्वविद्यालय परिसर में 46 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। उन्होने विश्वविद्यालय में प्रदर्शन स्थलों को लेकर भी विस्तार से चर्चा की। इस दौरान विश्वविद्यालय के विभागाध्यक्षों और कॉलेजों के प्रिंसिपलों द्वारा उठाए गए विभिन्न मुद्दों पर विचार रखते हुए डीसीपी ने जानकारी दी कि ड्रग्स के मामलों की जांच के लिए टेस्ट किटें मंगवाई जा रही हैं। कॉलेज ऐसे मामलों की सूचना दें तो पुलिस आरोपियों की जांच मौके पर ही करके वांछित कार्रवाई करने के लिए तैयार है। इस अवसर पर डीन ऑफ कॉलेजेज़ प्रो. बलराम पाणी, डीयू दक्षिणी दिल्ली परिसर के निदेशक प्रो. श्री प्रकाश सिंह, प्रॉक्टर प्रो.  रजनी अब्बी, एसओएल की निदेशक प्रो.  पायल मागो, डीएसडब्ल्यू प्रो. पंकज अरोड़ा, कुलसचिव डॉ. विकास गुप्ता, पीआरओ अनूप लाठर एवं डीसीपी ट्रैफिक आरपी मीणा आदि सहित दिल्ली विश्वविद्यालय के अनेकों अधिकारी, कॉलेजों के प्रिंसिपल, अनेकों पुलिस अधिकारी और कर्मचारी उपस्थित रहे।     

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