5 दिन और बढ़ी सिसोदिया की रिमांड, शिवसेना विवाद पर फैसला सुरक्षित, जानें इस हफ्ते कोर्ट में क्या कुछ हुआ


लम्बा सफर, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट से लेकर लोअर कोर्ट तक के वीकली राउंड अप में इस सप्ताह कानूनी खबरों के लिहाज से काफी गहमा.गहमी वाला है। जहां एक तरफ मनीष सिसोदिया की ईडी रिमांड को राउज एवेन्यू कोर्ट की तरफ से 5 दिन और बढ़ा दिया गया। वहीं शिवसेना विवाद में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई पूरी हो गई। कोर्ट की तरफ से फैसला सुरक्षित रख लिया गया। भोपाल गैस कांड पीड़ितों के अतिरिक्त मुआवजा दिलाने की केंद्र की अर्जी को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया। ऐसे में आज आपको सुप्रीम कोर्ट से लेकर लोअर कोर्ट तक इस सप्ताह यानी 13 मार्च से 17 मार्च 2023 तक क्या कुछ हुआ। कोर्ट के कुछ खास ऑर्डर/जजमेंट और टिप्पणियों का विकली राउंड अप आपके सामने लेकर आए हैं। कुल मिलाकर कहें तो आपको इस सप्ताह होने वाले भारत के विभिन्न न्यायालयों की मुख्य खबरों के बारे में बताएंगे।
5 दिन और बढ़ी मनीष सिसोदिया की हिरासत
दिल्ली की शराब नीति घोटाले में मनी लॉन्ड्रिंग की जांच कर रही प्रवर्तन निदेशालय ने आप नेता मनीष सिसोदिया को राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश किया है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया की हिरासत सात दिन और बढ़ाने की मांग कोर्ट से की थी। कोर्ट ने ईडी की मांग पर मनीष सिसोदिया की हिरासत को 5 दिन और बढ़ा दिया है। मामले की अगली सुनवाई 22 मार्च को होगी। सिसोदिया को दो दिनों की पूछताछ के बाद दिल्ली शराब नीति मामले से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में 9 मार्च को वित्तीय जांच एजेंसी द्वारा गिरफ्तार किया गया था। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा पिछले महीने गिरफ्तार किए जाने के बाद दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद थे।
शिवसेना केस में सुनवाई पूरी, कोर्ट ने फैसला रखा सुरक्षित
सुप्रीम कोर्ट ने हैरानी जताई कि वह महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे सरकार को कैसे बहाल कर सकता है, जब मुख्यमंत्री ने फ्लोर टेस्ट का सामना करने से पहले ही इस्तीफा दे दिया था। 16 मार्च को सुनवाई के दौरान उद्धव ठाकरे ग्रुप ने दलील दी कि महाराष्ट्र गवर्नर के फ्लोर टेस्ट के आदेश को निरस्त किया जाए। महाराष्ट्र सियासी संकट मामले में संवैधानिक बेंच की सुनवाई के बाद अदालत ने फैसला सुरक्षित रख लिया है। सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस डी. वाई. चंद्रचूड़ की अगुआई वाली बेंच के सामने उद्धव ठाकरे और एकनाथ शिंदे ग्रुप की ओर से दलील पेश की गई। महाराष्ट्र के गवर्नर की ओर से भी दलील पेश की गई। 21 फरवरी से मामले की सुनवाई शुरू हुई थी। सुप्रीम कोट में महाराष्ट्र के स्पीकर की अयोग्यता कारवाई से जुड़ा से मामला पेंडिंग है।
सुप्रीम कोर्ट ने एक बड़ा फैसला सुनाते हुए इलाहाबाद हाई कोर्ट परिसर में बनी मस्जिद को तीन महीने के भीतर हटाने का आदेश दिया। अपने परिसर में स्थित एक मस्जिद को हटाने के इलाहाबाद उच्च न्यायालय के 2017 के आदेश के खिलाफ अपील को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया। लाइव लॉ के अनुसार जस्टिस एमआर शाह और सीटी रविकुमार की एक पीठ ने वक्फ मस्जिद उच्च न्यायालय और यूपी सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड द्वारा दायर विशेष अनुमति याचिकाओं को खारिज कर दिया और याचिकाकर्ताओं को इलाहाबाद हाईकोर्ट परिसर से मस्जिद को हटाने के लिए तीन महीने का समय दिया।
मामले के जल्द निपटारे से न्याय की बलि
सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि हर शख्स मामले का जल्द निपटारा चाहता है लेकिन अगर लोग निपटान के पीछे भागेंगे तो फिर न्याय की बलि देनी पड़ेगी। सुप्रीम कोर्ट ने रेप के एक मामले में दाखिल ट्रांसफर पिटिशन पर सुनवाई के दौरान यह टिप्पणी की। गुड़गांव स्थित एक अदालत से रेप के एक केस को ट्रांसफर करने की गुहार लगाई थी। याची के वकील ने कहा कि इस मामले में सेटलमेंट का दवाब वनाया जा रहा है। कोर्ट ने कहा कि मामले में 15 गवाहों में से 11 के वयान पहले ही हो चुके हैं। ट्रायल अब आखिरी स्टेज में चल रहा है। ऐसे में हम ट्रांसफर पिटिशन को स्वीकार नहीं कर सकते।
भोपाल पीड़ितों के लिए और मुआवजा नहीं
सुप्रीम कोर्ट ने भोपाल गैस कांड पीड़ितों के लिए यूनियन कार्वाइड की उत्तराधिकारी कंपनियों से अतिरिक्त मुआवजा दिलाने की केंद्र की अर्जी खारिज कर दी। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को फटकार लगाई कि उसने पीड़ितों के लिए इंश्योरेंस पॉलिसी नहीं बनाई, जबकि ऐसा करने का हलफनामा दिया था। पांच जजों की संवैधानिक बेंच ने कहा कि यह घोर लापरवाही का मामला है और कोर्ट के निर्देशों का उल्लंघन है। भोपाल स्थित यूनियन कारबाइड संयंत्र से 2.3 दिसंबर 1984 की आधी रात जहरीली गैस का रिसाव होने लगा था, जिससे 3000 से अधिक लोग मारे गए थे। पर्यावरण को भी नुकसान पहुंचा था।

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