मणिपुर हिंसा: सामूहिक दुष्कर्म मामले में पांच आरोपियों की गिरफ्तारी – पीएम ने कहा दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।

नगा समूह ने सरकार से की घटना पर न्याय की मांग- विरोध में निकाली गई रैलियां।

दिल्ली (लम्बा सफर ब्यूरो): मणिपुर में दो महिलाओं को निर्वस्त्र कर घुमाने और सामूहिक दुष्कर्म मामले में पुलिस ने एक और आरोपी को गिरफ्तार किया है। इस तरह मणिपुर घटना में अब तक पांच लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है। इससे पहले पुलिस ने 20 जुलाई को चार आरोपियों को गिरफ्तार किया था।

मणिपुर घटना में अब तक पांच आरोपियों की गिरफ्तारी!

मणिपुर पुलिस ने शनिवार को बताया कि महीने भर पुरानी वायरल वीडियो मामले में यह पांचवी गिरफ्तारी है। अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए हर संभव कोशिश की जा रही है और आरोपियों के संभावित ठिकानों पर छापेमारी की जा रही है। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि घटना मणिपुर के थाउबल जिले में चार मई को घटी, जहां महिलाओं को अगवा कर सामूहिक दुष्कर्म किया गया। पुलिस ने इस मामले में अपहरण, सामूहिक दुष्कर्म और हत्या का मामला दर्ज किया है।

आरक्षण के मुद्दे पर भड़की थी मणिपुर हिंसा!

बता दें कि मणिपुर में मैतई समुदाय जनजातीय आरक्षण की मांग कर रहे है। हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को मैतई को आरक्षण देने का आदेश दिया था लेकिन तीन मई को कुकी और नागा जनजातियों ने इसके खिलाफ विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया, जिससे राज्य में हिंसा भड़क गई। मैतई समुदाय मुख्य तौर पर इंफाल और इसके आसपास के मैदानी इलाके में रहता है, जबकि नागा और कुकी जनजाति के लोग पहाड़ी इलाकों में रहते हैं। आरक्षण मिलने के बाद मैतई समुदाय के लोग भी पहाड़ी इलाकों में जमीन खरीद सकेंगे।

सीएम बीरेन ने इस्तीफा देने से किया इनकार!

मणिपुर की घटना के बाद से सीएम एन बीरेन सिंह लोगों के निशाने पर हैं और उनसे इस्तीफा देने की मांग की जा रही है। हालांकि शुक्रवार को बीरेन सिंह ने इस्तीफा देने की बात से इनकार कर दिया और कहा कि फिलहाल उनका फोकस राज्य में कानून व्यवस्था कायम रखने पर है।

मणिपुर हिंसा-दुष्कर्म में दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा: पीएम मोदी

पीएम मोदी ने गुरुवार को कहा था कि मणिपुर में महिलाओं को निर्वस्त्र कर घुमाने की घटना ने 140 करोड़ भारतीयों को शर्मसार किया है और कहा कि कानून अपनी पूरी ताकत से काम करेगा और किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा।

मणिपुर में महिलाओं के खिलाफ यौन हिंसा को लेकर महिलाओं का विरोध-प्रदर्शन
मणिपुर फाइल्स’ नाम से एक फिल्म बननी चाहिए: शिवसेना (यूबीटी)

शिवसेना (यूबीटी) ने मणिपुर में जातीय हिंसा को लेकर केंद्र के साथ-साथ राज्य की भाजपा सरकार की आलोचना की। शिवसेना (यूबीटी) ने शनिवार को कहा कि ‘मणिपुर फाइल्स’ नाम से एक फिल्म बनाई जानी चाहिए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह पर हमला करते हुए सेना (यूबीटी) के मुखपत्र ‘सामना’ के एक संपादकीय में कहा गया है कि उत्तर-पूर्वी राज्य में हिंसा और अत्याचार कश्मीर से भी बदतर हैं।

बताते चलें कि चार मई को शूट किया गया एक वीडियो बुधवार (19 जुलाई) को सामने आया था, जिसमें मणिपुर में संघर्षरत समुदायों में से एक समुदाय की दो महिलाओं को दूसरे पक्ष के कुछ पुरुषों द्वारा निर्वस्त्र कर घुमाते हुए दिखाया गया है, जिससे पूरे देश में आक्रोश फैल गया है। पार्टी ने कहा कि अगर सुप्रीम कोर्ट ने मामले का संज्ञान नहीं लिया होता तो प्रधानमंत्री इस मुद्दे पर कुछ नहीं बोलते।

शक्तिशाली यूनाइटेड नगा काउंसिल (यूएनसी), ऑल नगा स्टूडेंट्स एसोसिएशन मणिपुर (एएनएसएएम) और नगा पीपुल्स फ्रंट सहित मणिपुर के कई नगा नागरिक समाज संगठनों ने इस अमानवीय कृत्य की कड़ी निंदा की है। यूएनसी ने मणिपुर सरकार से तुरंत न्याय देने के लिए मामले को फास्ट-ट्रैक कोर्ट में ले जाने को कहा।

यूएनसी ने एक बयान में कहा की, सरकार को ऐसे अमानवीय अपराध में शामिल सभी लोगों के खिलाफ तत्काल मामला दर्ज करने के लिए आवश्यक कदम उठाने चाहिए। वायरल वीडियो क्लिप का जिक्र करते हुए यूएनसी ने कहा कि घटना बेहद निंदनीय है। यूएनसी ने कहा, महिलाओं के साथ किया गया अमानवीय कृत्य, जिन्हें नग्न किया गया, उनके साथ छेड़छाड़ की गई और उन्हें दिनदहाड़े राजमार्ग पर धान के खेत की ओर घुमाया गया, बेहद निंदनीय है।

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